उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपना लक्ष्य वक्त से पहले ही पूरा कर लिया है. अब रिलायंस इंडस्ट्री पर कोई कर्ज नहीं है. आईल मार्केट से टेलीकॉम सेक्टर तक दखल रखने वाली रिलायंस ने 31 मार्च 2021 तक कर्ज मुक्त होने का लक्ष्य रखा था. पिछले कुछ दिनों में कंपनी ने 53000 करोड के राइट्स इश्यू किए और पैसे जुटाए. और वैसे ही अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म रिलायंस जिओ में 1.6 लाख करोड़ का विदेशी निवेश भी जुटाया. जिसके लिए कई विदेशी कंपनियों के साथ डील की. जिसमें फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी शामिल है. 31 मार्च, 2020 तक कंपनी पर 1,61,035 करोड़ का कर्ज था.
शुक्रवार की सुबह मुकेश अंबानी की ओर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है, 'मैंने 31 मार्च, 2021 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को कर्ज-मुक्त करने का शेयरधारकों के साथ किया अपना वादा वक्त से पहले पूरा कीया है.'
22 अप्रैल से 11 डील की है. जिसमें कंपनी ने इसकी 24.70 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 1,15,693.95 करोड़ रुपए जुटाए.
इन 11 डील्स में से कंपनी की फेसबुक के साथ बहुत बड़ी डील भी शामिल है. जिसके तहत कंपनी ने जियो प्लेटफॉर्म्स की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 43,573.62 करोड़ की डील की है. इसके अलावा कंपनी ने अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी फर्म विस्टा और केकेआर के साथ डील कीं. वहीं सउदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड के साथ भी डील की हैं, जिसके तहत कंपनी ने 11,367 करोड़ में इन सभी कंपनियों को जियो प्लेटफॉर्म्स की 2.32 हिस्सेदारी बेची है.
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